UPDATE CHANDAULI NEWS: गांधी धाम और सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस से नाबालिग बच्चों की तस्करी की जा रही थी। RPF ने कुल 7 बच्चों को रेस्क्यू किया है। 2 तस्करों को अरेस्ट किया गया।
चंदौली के डीडीयू आरपीएफ को ऑपरेशन आहट अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। आरपीएफ, चाइल्ड लाइन, सीआइबी और एक निजी संस्था की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर कार्यवाही करते हुए दो एक्सप्रेस ट्रेनों से कुल 7 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू कर लिया। मामले में 2 तस्करों को अरेस्ट किया गया है। सभी नाबालिग बच्चों को काम करवाने के लिए दूसरे प्रदेश ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों को मुग़लसराय पुलिस के हवाले कर दिया गया। जबकि रेस्क्यू किये गए बच्चों को चाइल्ड हेल्प डेस्क को सुपुर्द किया गया है।
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आरपीएफ की ऑपरेशन आहट
दरसअल, डीडीयू आरपीएफ की संयुक्त टीम द्वारा ऑपरेशन आहट के तहत समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता है। आज यानी गुरुवार को आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में आरपीएफ, चाइल्ड लाइन, सीआइबी और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान टीम को मुखबीर से बच्चों की तस्करी से संबंधित इनपुट मिली।
गांधी धाम एक्सप्रेस से 4 को किया रेस्क्यू
मुखबीर की सूचना पर टीम ने गहन चेकिंग शुरू किया। इस 15668 अप गांधी धाम एक्सप्रेस, डीडीयू स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 3 पर पहुंची। टीम ने ट्रेन को अटेंड किया। इस दौरान संयुक्त टीम ने ट्रेन की जनरल कोच में एक संदिग्ध व्यक्ति को 4 नाबालिग बच्चों के साथ देखा। संदेह के आधार पर टीम ने सभी को ट्रेन से उतारा और डीडीयू पोस्ट लाकर पूछताछ की।
पूछताछ में सभी बच्चों ने बताया कि वे सभी बिहार राज्य अंतर्गत कटिहार जिले के मनसाही क्षेत्र निवासी है। बच्चों ने बताया कि ट्रेन से उतारे गए व्यक्ति द्वारा उन्हें काम करवाने के लिए जामनगर, गुजरात ले जाया जा रहा है। जहां उनसे साफ-सफाई का काम लेने की एवज में 8 हज़ार रुपये देने की बात तय हुई है।
उधर, पूछताछ के दौरान आरोपी व्यक्ति ने बताया कि वह इन चारों नाबालिग बच्चों को अपने खर्च पर टिकट कराकर तथा खिला पिलाकर बाल मजदूरी करवाने के लिए ले जा रहा था। आरोपी ने बताया कि उसने बच्चों के माता-पिता को भी 2 से 3 हजार रुपए दिए है। जिसके बाद आरपीएफ द्वारा व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया गया।
सियालदह-अजमेर एक्स0 से 3 को किया रेस्क्यू
वहीं चेकिंग के दौरान आरपीएफ की संयुक्त टीम को और एक बड़ी सफलता मिली। संयुक्त टीम ने डीडीयू स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 7 पर पहुंची सियालदह-अजमेर को भी अटेंड किया। इस दौरान टीम ने ट्रेन के जनरल कोच में 3 नाबालिग बच्चों को एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ देखा। टीम ने बच्चों सहित व्यक्ति से पूछताछ किया तथा संदेह होने पर सभी को ट्रेन से उतारकर डीडीयू पोस्ट लाया। जहां बच्चों से काउंसिलिंग करने सहित व्यक्ति से पूछताछ किया गया।
पूछताछ में रेस्क्यू किये गए तीन नाबालिग बच्चों ने बताया कि वे सभी झारखंड निवासी है। बच्चों ने बताया की उन्हें उक्त व्यक्ति द्वारा जयपुर, राजस्थान में ब्रह्मपुरी नामक जगह पर ले जाया जा रहा है। जहां उनसे चूड़ी पर नगीना चिपकाने के काम के लिए 4 हज़ार रुपया प्रति माह दिया जाना है।
उधर ट्रेन से उतारे गए व्यक्ति ने बताया कि वह तीनों बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जा रहा था। बताया कि इस काम के लिए उसने बच्चों के घर वालों को 5-5 हज़ार रुपये दिया है।
आरपीएफ प्रभारी ने दी जानकारी
इस बाबत जानकारी देते हुए आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि दो एक्सप्रेस ट्रेनों से कुल 7 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। मौके से दो तस्करों क्रमशः शिवम कुमार चौधरी, निवासी बिहार और श्यामलाल भुइयां, निवासी चतरा, झारखंड को अरेस्ट किया गया है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों को आवश्यक कार्रवाई के बाद मुग़लसराय कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया। वहीं रेस्क्यू किये गए बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए चाइल्ड लाइन डीडीयू के सुपुर्द किया गया है।







