UPDATE CHANDAULI NEWS: ऐतिहासिक पचासे के 200 वर्ष पूरे होने पर इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया गया।
चंदौली स्थित लौंदा मख़दूमाबाद में इमाम हुसैन (अ.स.) के ऐतिहासिक पचासे की परंपरा ने इस साल 200 वर्ष पूरा कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर चंदौली समेत बनारस, मिर्जापुर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अकीदतमंदों और अंजुमनों ने शिरकत की और इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया।
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करबला का मंजर किया पेश
अंजुमन जवादिया की ओर से आयोजित शब बेदारी में मायल चंदौलवी, साहिल मुजफ्फरपुरी और नुरूल हक जैसे मशहूर शायरों ने अपने कलाम समां बांधा और करबला का मंजर पेशकर सुनने वालों की आंखें नम कर दीं। पचासे में शामिल प्रमुख अंजुमनों में अंजुमन जवादिया पीतरकुंडा, अंजुमन जाफ़रिया जौनपुर के साथ ही गुलामाने मुस्तफा शकूराबाद, चंदौली और यादगारे हुसैनी मिर्जापुर प्रमुख रूप से मौजूद रहीं। अंजुमनों के दस्तों ने पूरी रात मातमजनी और आग के मातम के जरिए इमाम हुसैन का पुरसा पेश किया।
गंगा-जमुनी तहज़ीब के प्रतीक
कार्यक्रम का आयोजन अंजुमन जवादिया मख़दूमाबाद लौंदा की ओर से किया गया था। कमेटी ने बताया कि यह पचासा सदियों से केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि इंसानियत, भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक भी रहा है। अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए उनकी जिज्ञासा, त्याग और न्याय के संदेश को दोहराया।
बनाई गई विशेष ताजिया
पचासे के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष ताजिया भी बनाई गई थी। इस अवसर पर एमडी इंसाफ, फ़ैज़ान अफ़ज़ल, बरी सद्दाम, नेता तासीर, मेराज अयान, ज़फ़र, लाडले भाई, आसिफ़ और राजू टाइगर, सरफराज पहलवान खुर्शीद प्रधान पप्पू बीडीसी, सीबू कायमू साकिब आकिब, अनस काजी बाबू ,मिल्कीसहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।