UPDATE CHANDAULI NEWS: चंदौली के नौगढ़ बांध से 5568 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। बाढ़ की आशंका गहरा गयी है। विभाग ने पत्र जारी कर अलर्ट रहने को कहा है।
उत्तरप्रदेश के जनपद चंदौली में रुक-रुक कर लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण वनांचल व पहाड़ी क्षेत्र नौगढ़ स्थित बांध के पानी मे भी लगातार वृद्धि हो रही। आलम ये है कि बांध का पानी उसकी क्षमता की करीब है। इसको देखते हुए अधिकारियों ने भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया है, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका बढ़ गयी है। वहीं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गयी है।
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895 फीट पहुंचा बांध का पानी
दरसअल, चंद्रप्रभा प्रखंड के अधिशासी अभियंता द्वारा एक पत्र जारी कर जानकारी दिया गया कि 17 जुलाई की शाम 5:18 बजे नौगढ़ बांध का जलस्तर 895.00 फीट हो गया है। बांध से 5568 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। उक्त पत्र में अधिशासी अभियंता द्वारा डीएम और एसपी सहित संबंधित विभागों, अधिकारियों तथा थानाक्षेत्र के नाम उल्लेख करते हुए बताया गया कि अतः कर्मनाशा नदी के तटवर्ती गांवों को सूचित कराते हुए आवरयक कार्यवाही करने की कृपा करें। जिससे कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका
आपको बता दें कि नौगढ़ बांध से छोड़ा गया पानी मुसाखाड़ बांध और लतीफशाह बीयर होते हुए सीधे कर्मनाशा नदी में मिलती है। ऐसे में अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका जताया जा रहा है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गयी है।
किसानों के माथे पर चिंता की लकीर
बांध का पानी डिस्चार्ज किये जाने के कारण तटवर्ती इलाके में पानी भराव के साथ-साथ फसलों के डूबने की भी संभावनाएं बढ़ गयी है। किसानों के माथे पर मानो जैसे चिंता की लकीर खींच गयी है। जिसमे सबसे ज्यादा खड़ी फसलों के नुकसान होने की आशंका है। साथ ही अगर नदी का जलस्तर बढ़ा, तो तटवर्ती गावों का हालत बद-से-बत्तर हो जाएगी। इसके साथ संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा।
राहत-बचाव की तैयारी शुरू
नौगढ़ बांध से 5568 क्यूसेक पानी छोडे जाने की जानकारी मिलते ही नदी किनारे बसे गावों के लोगों में हड़कंप की स्थिति है। ग्रामीण अभी से ही राहत-बचाव की तैयारी में जुट गए है। लोग, उंचे स्थानों पर जाने की तैयारी में है। उधर गंगा नदी का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के करीब है। ऐसे में अगर आगे भी लगातार बारिश होती रही तो संकट और भी गहरा जाएगा। वहीं प्रशासनिक सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों द्वारा कर्मनाशा नदी के किनारे बसे गांवों पर विशेष नजर रखी जा रही है।